दवा की जरूरत है: कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए डॉक्टर और दवा की जरूतर न कि मोमबत्ती ओर टॉर्च की,,राकेश राणा

नई टिहरी 
 उत्तराखंड पी सी सी अध्यक्ष प्रीतम सिंह जी के बयान का कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने किया समर्थन 
 ओर कहा कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए डॉक्टर और दवा की जरूतर न कि मोमबत्ती ओर टोर्च की।
जहां पूरे विश्व  में कोरोनावायरस कोविड-19 एक वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है वहीं पूरे विश्व के शोधकर्ता इसकी रोकथाम के लिए चिंतित हैं। हमारे देश के समस्त डॉक्टरस , नर्सेज, आर्मी, समाजसेवी ,शासन प्रशासन पक्ष और विपक्ष सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठन इस महामारी के खिलाफ रात दिन एक करे हुए हैं वहीं कुछ अंध भक्त इस आपातकाल की स्थिति में भी अपने आप को बिना राजनीति किए हुए नहीं रह पा रहे हैं ।जहां इस बीमारी से बचने के लिए आज देश को बड़े स्तर पर दवाई ,डॉक्टरों और डॉक्टरों की सुरक्षा ,आइसोलेशन वार्ड सैनिटाइजर ,मास्क, आदि उपकरणों के साथ साथ कोरोना वायरस से बचने के उपाय बताने ओर करने की आवश्यकता है। राणा ने कहा कि वहीं देश के  प्रधानमंत्री देश के जनमानस को 9 मिनट तक बिजली और बिजली से संबंधित उपकरणों को बंद  करके कोरोनावायरस से निजात दिलाने की बात करते हैं ।जो कि आधार बिहीन तथ्य है और उनकी सेना इसका समर्थन भी करती है ।
        जबकि भारत के संविधान के भाग 4 अनुच्छेद 51 ,क, में नागरिकों के मूल कर्तवयों के उल्लेख में या स्पष्ट कहा गया है कि भारत के नागरिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ाएं ।
उन्होंने कहा की में देश की जनता को इस विपत्ति की घड़ी में हिम्मत और साहस से काम लेने ओर कोरोना बीमारी से बचने के उपाय बताने चाहिए थे ।
    उन्होंने बताया कि    ज्ञात हो हिंदुस्तान में 2015 से पहले निर्मित हाइड्रो पवार प्रोजेक्ट,  थर्मल पावर प्रोजेक्ट ,न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट से  लगभग 1 लाख पैंसठ हजार मेगावाट विद्युत उत्पन्न हो रहा है। जिसमें वर्तमान में मात्र 1लाख पचीस हजार मेगावाट विद्युत की मात्र खपत है। वहीं जानकारों के अनुसार एक साथ पूरे देश में 9 मिनट तक विद्युत उपकरण बंद होने से देश के केंद्रीय पावर ग्रिड फेल होने की संभावना ब्यक्त की गई है । जिससे तमाम आवश्यक चीजो पर इसका दुष्प्रभाव होने की संभावना है।
ज्ञात हो जनवरी 1998 में एक बार केंद्रीय पावर ग्रिड फेल होने की वजह से देश में सारे विद्युत से चलने वाले उपकरण या तो अपनी जगह खड़े हो गए थे या ज्यादातर खराब हो गए थे।जिलाध्यक्ष ने कहा कि एक साथ इतने बड़े स्तर पर बिजली खोलना और बिजली बंद करना।जैसे सन्देश पर  देश के विद्युत मंत्रालय के जानकारों  द्वारा भी आपत्ति व्यक्त की गई है। क्या बिजली बंद करने से कोरोना जैसी बीमारी को भगाया जा सकता है यह निश्चित तौर पर एक हास्यास्पद संदेश है। हमारे कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी के बयान पर आपत्ति व्यक्त की जा रही है जबकि उन्होंने कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए देश ओर प्रदेश को वर्तमान में बड़ी संख्या में दवाई मास्क, सैनिटाइजर,डॉक्टर, नर्सेज, के साथ साथ आइसोलेशन वार्डों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया । जिससे जनमानस इस बीमारी से बचने के साथ साथ को कोरोना ग्रस्त लोगों को बचाया जा सके।


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