डर: कोरोना के खौफ के चलते पर्यटन उद्योग भी सहम गया कई होटलों की बुकिंग भी हुई रद्द

वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना संक्रमण की दहशत का असर उत्तराखंड के होटल और पर्यटन उद्योग के ऊपर भी कहर बनकर पड़ा है। हालत यह है कि पर्यटक भीड़भाड़ और खुले स्थानों पर जाने से घबरा रहे हैं। उत्तराखंड में भी पूर्व में की गई टूर बुकिंग कैंसिल की गई हैं। आजकल गुलजार रहने वाले प्रदेश के लगभग सभी छोटे-बड़े होटल पर्यटकों की राह ताक रहे हैं।


मार्च-अप्रैल-मई में कई जगह स्कूलों की छुट्टियां होने और चारधाम यात्रा व पर्यटन सीजन की शुरूआत नजदीक होने की वजह से यह समय उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है। मौसम के हिसाब से भी इस दौरान पर्यटन और तीर्थाटन अधिक रहता है।


ऐसे समय में कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर हुई दहशत की स्थिति से पर्यटन उद्योग भी सहम गया है। प्रदेश के छोटे-बड़े तमाम होटलों में 70 से 80 प्रतिशत कमरे खाली हैं। विदेशी टूरिस्ट और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटकों के अलावा स्थानीय पर्यटक भी पर्यटन स्थलों पर जाने से कतरा रहे हैं।


स्कूली छात्रों के विभिन्न ग्रुप की बुकिंग कैंसिल


जीआईओ एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के महाप्रबंधक सतीश खंडूड़ी ने बताया कि मार्च-अप्रैल में दिल्ली, लखनऊ आदि शहरों से स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्रों और टीचर्स के ग्रुप बड़ी संख्या में चकराता, उत्तरकाशी, टिहरी, ओली, कुंड, रानीखेत, नैनीताल आदि स्थानों पर पहुंचते हैं। इस बार अब तक कोरोना के डर से सिर्फ उन्हीं की कंपनी के 12 ग्रुप ने पूर्व में की गई बुकिंग कैंसिल करा दी है।
 रोजगार पर भी पड़ेगा असर
उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के स्टेट वाइस प्रेजीडेंट एवं देहरादून स्थित मधुबन होटल के संचालक मनु कोचर ने बताया कि कोरोना के डर के चलते उत्तराखंड के होटल और पर्यटन उद्योग को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।


मसूरी, नैनीताल, कार्बेट पार्क जैसे आमतौर पर गुलजार रहने वाले खूबसूरत स्थल भी सूने पड़े हैं। होटल के साथ ही रेस्टोरेंट भी लगभग खाली हैं। यही हाल रहे तो होटल संचालकों को कर्मचारी घटाने पड़ेंगे। जिसका स्थानीय रोजगार पर भी असर पड़ेगा।


मसूरी में 90 प्रतिशत ग्रुप कांफ्रेंस रद्द


पहाड़ों की रानी मसूरी के पर्यटन व्यवसाय को भी इससे भारी नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं मसूरी स्थित होटल ब्रैंटवुड के संचालक संदीप साहनी ने बताया कि लगभग 40 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। जबकि 90 प्रतिशत ग्रुप कांफ्रेंस भी अब तक कैंसिल हुई है। हालात न सुधरे तो इसका असर स्थानीय और प्रदेश की आर्थिकी पर भी पड़ेगा।


विदेशी पर्यटकों की भी भारी कमी


पर्यटन विशेषज्ञ एवं गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) लिमिटेड के पूर्व प्रचार अधिकारी प्रशांत नेगी ने बताया कि इस समय पौड़ी, खिर्सू, ऋषिकेश, नैनीताल, कौसानी, रानीखेत आदि हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की आमद बढ़नी शुरू हो जाती थी। इस बार यहां हालत उलट हैं। अब नए फैसले से विदेशी पर्यटकों की भी भारी कमी होगी।


जीएमवीएन को तीर्थाटन का सहारा


उत्तराखंड पर्यटन विभाग के निगम जीएमवीएन को तीर्थाटन का सहारा है। जीएमवीएन के महाप्रबंधक (पर्यटन) जितेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल तो चार धाम यात्रा के लिए बुकिंग अच्छी आ रही है। आने वाले समय में जब मौसम सही हो जाएगा तीर्थाटन और अच्छा होने की उम्मीद


Popular posts
कोरोना को हरायेगे: टिहरी विधायक ने स्प्रे मशीन सोडियम हाइपो क्लोराइट का किया वितरण
Image
युवा मोर्चा की वर्चुअल रैली संपन्न: टिहरी जनपद में वर्चुअल संपन्न हुई मोदी सरकार की उपलब्धियां घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया
Image
कोरोना से जंग: नगरपालिका चंबा ने किया बाजारों में सैनिटाइजेशन
Image
कोरोना से जंग की तैयारी:नर्सिंग कॉलेज मैं सभी व्यवस्थाएं स्थापित होने के उपरांत कोरोना पॉजिटिव मामले एवं कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की देखरेख मैं आसानी हो सकेगी, जिलाधिकारी
Image
हरेला: हरेला पर्व में पौधरोपण केवल फ्रॉम मल्टी तक सीमित ना रहे, जिलाधिकारी
Image