जन सेवा और समाज को दिशा देने के उद्देश्य से सरकारी सिस्टम में सुधार को लेकर सरकारी हॉस्पिटल डिप्टी कलेक्टर पहुंचीं, सभी ताकने लगीं मुंह, ‘सिस्टम’ सुधारने का यह तरीका अपनाया आदिवासी जिले गोड्डा की डिप्टी कलेक्टर(IAS) किरण कुमारी पासी ने, इन्होंने यहां के सरकारी अस्पताल में अपने बच्चे को जन्म देकर एक मिसाल पेश की है। लेडी अफसर ने ऑपरेशन के जरिये बच्चे को जन्म दिया। वाकया झारखंड (रांची) के आदिवासी बाहुल्य गोड्डा जिले का है जहाँ की डिप्टी कलेक्टर(IAS) किरण कुमारी पासी ने सरकारी अस्पताल में अपने बच्चे को जन्म देकर एक मिसाल पेश की है। उनकी यह पहल ‘सिस्टम’ को सुधार कर और बेहतर करने की दिशा में एक मिसाल मानी जा रही है। सिविल सर्जन एसपी मिश्रा ने डीसी के इस फैसले को एक उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि लोग मामूली-सी भी बीमारी होने पर प्राइवेट डॉक्टर या अस्पताल जाते हैं, ऐसे में एक अधिकारी ने प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल को चुनकर अच्छी पहल की है, किरण कुमारी पासी दूसरी बार मां बनी हैं। उनके पहले बच्चे का जन्म भी ऑपरेशन के जरिये हुआ था। इसे ध्यान में रखते हुए डॉक्टर पूरी सतर्कता बरत रहे थे। वे दो दिन डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगी। प्रसव के दौरान उनके पति पुष्पेंद्र सरोज भी पूरे समय हॉस्पिटल में मौजूद रहे। वे गोड्डा के ही पुनसिया स्थित कृषि महाविद्यालय में डीन हैं। रविवार सुबह 6 बजे प्रसव पीड़ा होने पर किरण कुमारी को सदर अस्पताल लाया गया था। करीब ढाई घंटे बाद उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। उल्लेखनीय है किरण कुमारी स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं।
भरोसा:सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देकर एक मिसाल पेश की आईएएस महिला अधिकारी ने ।