काशीपुर में नगर निगम को बने भले ही कई साल हो गए हैं लेकिन नगर निगम के पास क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक मकानों की पूरी सूची नहीं है। यही कारण है कि नगर निगम को हर वर्ष करोड़ों रुपए का हाउस टैक्स से नुकसान हो रहा है। करोड़ों के हाउस टैक्स नुकसान को वसूलने के लिए नगर निगम ने आवासीय और व्यवसायिक मकानों की गणना करने का मन बना लिया है और जल्द ही इस पर नगर निगम की टीम कार्य करेगी।
बता दें कि काशीपुर नगर निगम 28 फरवरी वर्ष 2013 में स्थापित हुआ था। नगर निगम बनने के बाद 20 वार्ड बनाए गए थे, जिसमें करीब 24500 व्यवसायिक और आवासीय मकान थे जिनसे नगर निगम वर्तमान तक करीब डेढ़ करोड़ रूपया प्रतिवर्ष हाउस टैक्स के रूप में वसूल करता है। लेकिन नगर निगम में विगत वर्ष परिसीमन के बाद 20 वार्ड और सम्मिलित किए गए हैं। साथ ही नगर निगम क्षेत्र में कई लोगों ने अपने आवासीय मकान को तोड़कर व्यवसायीकरण कर दिया है। काशीपुर नगर निगम के पास वर्तमान स्थिति में 40 वार्ड हैं लेकिन कितने आवासीय और कितने व्यवसाय मकान हैं इनका नगर निगम के पास कोई भी आंकड़ा नहीं है। यही कारण है कि नगर निगम को वर्ष 2013 से प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ से अधिक का नुकसान हाउस टैक्स ना वसूलने के कारण हो रहा है। नए और पुराने वादों में आवासीय और व्यवसायिक मकानों की गणना करने के लिए अब नगर निगम ने मुहिम छेड़ दी है। जिसको लेकर नगर निगम के एमएलए बंशीधर तिवारी ने टेंडर प्रक्रिया के जरिए नए और पुराने वादों में गणना करने का मन बनाया है जिससे आवासीय और व्यवसायिक मकानों की सही गणना हो सके और पूरा लोगों से हाउस टैक्स वसूला जाए। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही इसके लिए टेंडर प्रक्रिया निकालकर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।