नैनीताल, उत्तराखंड़ हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों की 500 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति के घोटाले में आरोपी कॉलेज प्रबंधकों को आदेश दिए कि वो कॉलेज से संबंधित गबन की धनराशि सरकार के वित्त विभाग में जमा कराएं। हाईकोर्ट ने वित्त विभाग को भी इसके लिए अलग से खाता खोलने के आदेश दिए हैं। जमा की गई धनराशि का निस्तारण संबंधित वाद के भविष्य में होने वाले आदेशों पर ही निर्भर करेगा। बुधवार को न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कई कॉलेज-संस्थान के प्रबंधकों की ओर से गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई की। इन कॉलेजों के खिलाफ एसआईटी ने साक्ष्य जुटाते हुए छात्रवृत्ति का पैसा गबन करने की एफआईआर दर्ज कराई है। बुधवार को सुनवाई के दौरान एसआईटी अध्यक्ष मंजूनाथ टीसी समेत कई पुलिस अफसर कोर्ट में मौजूद रहे। मंजूनाथ टीसी ने कोर्ट को अब तक की पड़ताल, एफआईआर समेत प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि कई कॉलेज प्रबंधक घोटाले की धनराशि सरकार को लौटाने को तैयार हैं। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने कॉलेज प्रबंधनों को आदेश दिए कि वे एसआईटी द्वारा आरोपित धनराशि सरकार के वित्त विभाग में जमा कराएं। इसका निस्तारण वाद के निर्णय के अधीन रहेगा।
निर्देश:आदेश दिए कि वो कॉलेज से संबंधित गबन की धनराशि सरकार के वित्त विभाग में जमा कराएं।