पौड़ी
पौड़ी जिला पंचायत हर समय से ही सुर्ख़ियों में रहती है, इस बार जिला पंचायत पौड़ी अपने संविदा कर्मचारी और भ्रष्टाचार के मामलों के लिए एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है, जिला पंचायत के लाखों रूपये के निर्माणकार्यों के नाम पर कागजों में किये गए अजब-गजब घोटाले के जरिये डकारे गए सरकारी धन की दिखाई गई असलियत के बाद अब एक नया फर्जीवाड़ा सामने ला रहा है, दरअसल ग्रामीणों द्वारा 2016 में जिस सड़क का निर्माण श्रमदान से कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से उद्घाटन करवाया गया, उसी सड़क को जिला पंचायत ने गुपचुप खुद के निर्माण के नाम पर 70लाख रूपये डकार लिये।कल्जीखाल ब्लाक की कुनगढ़ घाटी में सरकार से निराश होकर इस कच्ची सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने अपना पसीना बहाके, चंदा जमाकर श्रमदान से 28 दिनों में किया था। तब से आज तक इस सड़क का रखरखाव ग्रामीण ही करते आ रहे हैं, ताज्जुब इस बात का है कि ग्रामीणों के श्रमदान से बनी इस सड़क को जिला पंचायत ने खुद के द्वारा 70 लाख रूपये का निर्माण बताकर लाखों रूपये की रकम डकार ली। खास बात यह है कि वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत ने ही तब इस सड़क का उद्घाटन किया था।
प्रभावित गांवों में पहुंचकर हकीकत का जायजा लिया तो जिला पंचायत द्वारा किये गए फर्जीवाड़े की असलियत खुली। खास बात यह है कि जब श्रमदान से सड़क निर्माण पूरा हुआ तो ग्रामीणों ने जमकर जश्न भी मनाया था और जमकर लोकगीतों पर झूमे भी लेकिन उनकी इस खुशी और मेहनत का ईनाम जिला पंचायत ने लाखों से फर्जीवाड़े से दिया। खास बात यह है कि इस रकम में लाखों के पुश्तों का निर्माण भी जिला पंचायत ने दिखाए जो मौके पर कहीं नही है। अब इस बारे में जिला पंचायत अध्यक्ष जांच कर कार्रवाई की बात कह रही हैं।
निर्माणकार्यों में लगातार खुलती जिला पंचायत की सिलसिलेवार घोटालों और फर्जीवाड़ों की परतें दरअसल काफी गहरी और लम्बी हैं। बेखौफ हो चुके घोटालेबाजों के दुस्साहस का परिणाम है कि सिंचाई गूल निर्माणकार्य और हैडपम्प लगाने जैसे कार्य जो जिला पंचायत नहीं करती उन्हें भी जिला पंचायत ने करवाकर न केवल मिसाल कायम की बल्कि जमकर सरकारी धन को चूना भी लगाया। इन घोटालेबाजों के खिलाफ क्या निष्पक्ष जांच होकर उनपर कार्रवाई हो सकेगी ये बड़ा सवाल है।
धोटाला : जिला पंचायत ने निर्माण के नाम डकारे लाखों रुपये